India’s first Government Skill University

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Skill University

"Notification Regarding to filling the online Re-appear form for the End Term Semester Examination December-2025" : Published on - 01 Oct 2025 | 
Prof. Dinesh Kumar
Vice Chancellor
Email: vc@svsu.ac.in, vcoffice@svsu.ac.in
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About SVSU

Shri Vishwakarma Skill University (SVSU), established in Palwal, Haryana, is India’s first Government Skill University, dedicated to providing high-quality skill education. Founded by the Government of Haryana, SVSU is a pioneering institution focused on bridging the gap between industry requirements and academia by delivering industry-aligned, hands-on skill programs.

SVSU’s mission is to empower youth with advanced skills, knowledge, and employability through a unique model of skill education that combines theoretical learning with practical exposure. Our industry partnerships and collaborations with leading organizations offer students experiential learning through internships, apprenticeships, and on-the-job training, which equip them with the competencies required in today’s job market.

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Latest from Shri Vishwakarma Skill University

What's Happening in SVSU

01 Oct 2025

युवा दूसरों को रोजगार देने वाले बनें- प्रोफसर दिनेश कुमार

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि युवाओं को इतना सक्षम बनना चाहिए कि वह दूसरों को रोजगार देने वाले बनें। उद्यमिता को अपनाकर विद्यार्थी यह सम्भव कर सकते हैं। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ओदंतपुरी भवन में आयोजित कृषि संकाय के दीक्षा आरम्भ कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि संकाय में असीम संभावनाएं हैं। विद्यार्थी अन्न उत्पादन के साथ-साथ बागवानी और विशेष तौर पर फूलों की खेती के माध्यम से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इससे विद्यार्थियों को तो लाभ होगा ही क्षेत्र के अन्य किसान भी इससे लाभान्वित होंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। मुख्यातिथि के रूप में कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसडी कौशिक ने विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कृषि का देश के विकास में बड़ा योगदान है। कृषि से सबंधित प्रोग्राम में शामिल विद्यार्थियों को स्वयं पर गर्व करना चाहिए। डॉ. कौशिक ने विद्यार्थियों से सॉफ्ट स्किल निखारने का भी आह्वान किया और उन्हें विभिन्न व्यवहारिक पहलुओं से अवगत करवाया। ग्रीन टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डीवी पाठक ने अतिथियों को सम्मानित किया और विद्यार्थियों को बेहतर करने की प्रेरणा दी। इस कार्यक्रम में बी. वॉक एग्रीकल्चर के विद्यार्थी अमन मिस्टर फ्रेशर और तन्नु मिस फ्रेशर चुनी गई। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बाँध दिया। डॉ. खुशबु सिंह ने मंच संचालन किया। इस मौके पर डॉ. हरीश कुमार, डॉ. तेजिंदर सिंह, डॉ. स्मिता, डॉ. गीता, डॉ. विकास और डॉ. गुरप्रीत भी उपस्थित रहे।

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30 Sept. 2025

एसवीएसयू में 113 लोगों ने किया रक्तदान

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में एनएसएस, छात्र कल्याण अधिष्ठाता और स्किल डिपार्टमेंट ऑफ़ लाइफ साइंस एंड हेल्थ केयर द्वारा संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 113 विद्यार्थियों ने रक्तदान किया। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार और कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने रक्तदान करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन गर्ग ने विद्यार्थियों को रक्तदान का महत्व और हृदय को स्वस्थ रखने के तौर तरीके बताए। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर अपने बड़ों का सम्मान करने की शपथ भी ली। कौशल अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी संकाय तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के साथ-साथ संस्कारों के प्रति भी प्रेरित किया गया। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि बड़ों का सम्मान हमारे संस्कारों में है। यह हमारा नैतिक दायित्व है। भारत की संस्कार शक्ति अत्यंत सशक्त है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रक्तदान करना बहुत बड़ा पुण्य है। इसके माध्यम से हम दूसरों का जीवन भी बचा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को हमेशा परोपकार के लिए आगे आने का आह्वान किया। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नवीन गर्ग ने इस अवसर पर हार्ट केयर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने दिल और दिमाग के बीच का संबंध समझाते हुए दोनों को स्वस्थ रखने के तरीके भी बताए। तनाव से दूर रहने के तरीके भी सिखाए। मेडिकल इंडस्ट्री से आए एक्सपर्ट उमेश कौशिक ने विद्यार्थियों के साथ अनुभव साझा किए और उन्हें मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में प्लेसमेंट का निमंत्रण भी दिया। कौशल अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता प्रोफसर आर एस राठौड़ ने सभी का आभार ज्ञापित किया। साथ ही उन्होंने एमएलटी कस क्षेत्र में विद्यार्थियों से बेहतर कार्य करने का आह्वान किया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने कहा कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है। उन्होंने रक्तदाता विद्यार्थियों की सराहना की। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने रक्तदान करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर एनएसएस के समन्वयक डॉ. नकुल, डॉ. प्रीति, डॉ. संतोष यादव, ज्योति नैन, डॉ. मनोज और डॉ. हिमानी सहित काफी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

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26 Sept. 2025

मिशन सेमीकंडक्टर में भूमिका निभाएगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है। दोनों संस्थान मिल कर तकनीक के क्षेत्र में शोध और नवाचार पर काम करेंगे। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में दोनों संस्थानों का मुख्य फोकस रहेगा। भविष्य में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सेमीकंडक्टर से संबंधित प्रोग्राम को विशेष वरीयता देगा। इसी के दृष्टिगत यह समझौता ज्ञापन हुआ है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार की उपस्थिति में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में जल्दी ही एक बड़ी क्रांति आने वाली है। भारत इसकी एक बड़ी हब बनने जा रहा है। सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में कुशल एवं प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय यह भूमिका निभाने को तैयार है। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की विशिष्टताओं का लाभ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को मिलेगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि दोनों संस्थान अपने विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के बीच प्रभावी आदान-प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विभिन्न बैच को औद्योगिक प्रशिक्षण एवं प्रमाणन प्रदान करेगा। उद्योग विशेषज्ञों की विशिष्टताओं को भी दोनों संस्थान साझा करेंगे। पाठ्यक्रम निर्माण से लेकर विद्यार्थियों की इंटर्नशिप तक विविध आयामों पर दोनों संस्थानों की परस्पर साझेदारी होगी। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस समझौता ज्ञापन के लिए राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी को बधाई दी और मिलकर तेजी से काम को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने कहा कि यह केवल औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि बहुत तीव्रता से दोनों संस्थान काम करेंगे। सेमीकंडक्टर से लेकर अन्य सभी तकनीकी आयामों पर काम होगा और इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने इस साझेदारी के लिए प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी का आभार ज्ञापित किया। इंडस्ट्री रिलेशन्स एन्ड एलुमनाई अफेयर्स की डायरेक्टर एवं उपकुलसचिव चंचल भारद्वाज ने इस समझौते को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे दोनों संस्थानों के बीच सार्थक साझेदारी बढ़ेगी। इस अवसर पर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. शिव कुमार, एसवीएसयू के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह, अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़, ग्रीन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. सुनील कुमार गर्ग, अधिष्ठाता प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर रणजीत सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर डीवी पाठक, इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के उप निदेशक अमीष अमेय, डीटीपीओ डॉ. विकास भदौरिया एवं उप निदेशक डॉ. वैशाली महेश्वरी भी उपस्थित थे।

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23 Sept. 2025

विज्ञान, तकनीक और कौशल मातृभाषा में पढ़ाए जाने पर मंथन

तकनीकी और कौशल शिक्षा की परिवर्तनकारी गतिशीलता पर मंगलवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के विशेषज्ञों ने 50 भी अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए। तकनीक, विज्ञान और कौशल जगत की विभूतियों ने इन विषयों को मातृभाषा में विकसित करने और पढ़ाने पर रणनीति तय की। उद्घाटन सत्र के मुख्यातिथि एवं विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिव कुमार ने कहा कि कौशल विद्वता का प्रामणीकरण करता है। जिस भाषा में कौशल को समझने की सिद्धता है, उसी में उस कौशल को पढ़ाए जाने से मौलिकता आएगी। इसलिए हमें कौशल, तकनीक और विज्ञान को मातृभाषा में पढ़ाना चाहिए। समापन सत्र के मुख्यातिथि एवं मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ. राज नेहरू ने कहा कि तकनीकी और कौशल शिक्षा देश व समाज के उत्थान में उपयोगी होनी चाहिए। हमारे पेटेंट सामाजिक और आर्थिकी को बदलने में सक्षम होने चाहिएं। यदि परिवर्तनकारी गतिशीलता हमारे व्यवहार में नहीं आएगी तो कौशल विकास संभव नहीं होगा। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि देश की इकोनॉमी के विकास में इनोवेशन, स्टार्टअप और पेटेंट की बड़ी भूमिका है। इसमें विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को अपना योगदान देना होगा। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि कौशल, तकनीक और विज्ञान को अपनी मातृभाषा में पढ़ाएंगे तो और श्रेष्ठ परिणाम सामने आएंगे। जापान, जर्मनी, फ़्रांस और रूस जैसे देश इसका बहुत बड़ा जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। कुलगुरु प्रोफसर दिनेश कुमार ने आह्वान किया कि सभी विषय विशेषज्ञ कौशल, तकनीक और विज्ञान की पाठ्य सामग्री अपनी मातृभाषा में विकसित करें, तभी यह अभियान सफल होगा। भविष्य में सेमी कंडक्टर कस फील्ड में बड़ी क्रांति आने वाली है। हम अपने युवाओं को उसके लिए तैयार करें। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि जब हम सपने हिन्दी में देखते हैं तो उनको साकार करने के लिए अध्ययन भी हिंदी में आवश्यक है। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने कहा कि हमें व्यवसाययुक्त शिक्षा से विद्यार्थियों को तैयार करना होगा। प्रभावी परिणामों के लिए कौशल शिक्षा में मातृभाषा का होना नितांत आवश्यक है। प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने कहा कि अपनी आवश्यकताओं की वस्तुओं का निर्माण स्वयं करके ही हम विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आईयूएसी के निदेशक अविनाश पांडे विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि स्वदेशी ज्ञान और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन अत्यंत आवश्यक है। अतीत में भारतीय ज्ञान-कौशल की घोर उपेक्षा हुई है। हमें अपने ज्ञान और भाषा कौशल के साथ तकनीक, शोध, उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा। जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राजीव कुमार ने कौशल को शिक्षा में समन्वित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग नई सोच से आगे बढ़ रहा है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कौशल विकास में अहम भूमिका निभाई है। दिल्ली उद्यमिता एवं कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार नागावत ने कौशल, तकनीक, शिक्षा और इंडस्ट्री में तेजी से हो रहे परिवर्तनों और उनके लिए तैयार रहने को आगाह किया। उन्होंने कहा कि यदि हमने एआई के इस दौर में स्वयं को तैयार नहीं किया तो हमारे ऊपर अप्रासंगिकता का खतरा मंडरा रहा है। वेब टेक्नोलॉजी के आने से भौगोलिक बाधाएं टूट चुकी हैं। हमें तकनीक के ज्ञान को आत्मसात करते हुए स्वयं को संवर्धित करना होगा। अंत में कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। शोध पत्र प्रस्तुत करने वालों को अतिथियों ने प्रमणपत्र प्रदन किए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अतिथियों का स्वागत किया। अकादमिक अधिष्ठाता एवं सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर विक्रम सिंह ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इससे पूर्व सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने इस आयोजन की सार्थकता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। विज्ञान भारती के प्रदेशाध्यक्ष प्रोफेसर सतहंस ने इस राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला के उद्देश्यों पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। प्रोफेसर रंजन माहेश्वरी, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर डीवी पाठक और डॉ. सविता शर्मा ने सत्रों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। ग्रीन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. सुनील गर्ग ने नवंबर में होने वाले सम्मेलन के पोस्टर का विमोचन करवाया। प्रियम श्योराण एवं डॉ. कल्पना माहेश्वरी ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अकादमिक जगत की हस्तियां मौजूद रहीं।

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